
यीशु के सच्चे मित्र बनें
परमेश्वर की अनमोल संतान, मैं आपको हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के नाम से नमस्कार करती हू्ं। आज, हम एक सुन्दर वचन पर मनन करने जा रहे हैं जो नीतिवचन 8:17 से लिया गया है जहाँ परमेश्वर कहता है, ‘‘जो मुझ से प्रेम रखते हैं; उन से मैं भी प्रेम रखती हूं, और जो मुझ को यत्न से तडके उठकर खोजते हैं, वे मुझे पाते हैं।’’
बाइबल में, हम अपने पूर्वज अब्राहम के बारे में पढ़ते हैं, जो अपने पूरे दिल से प्रभु से प्रेम करता था। जैसा कि यशायाह 41:8,2 इतिहास 20:7 और याकूब 2:23 में उल्लेख किया गया है, अब्राहम को परमेश्वर का ‘मित्र’ कहा गया था। मेरे मित्र, क्या आप परमेश्वर के साथ मित्रवत जीवन व्यतीत कर रहे हैं? क्या वह आपका एकमात्र दोस्त है? आज परमेश्वर के साथ अपनी स्थिति का परीक्षण करें। कृपया यीशु को अपने अन्य सभी मित्रों के साथ न मिलाएं। यीशु किसी भी मानवीय प्रेम के लिए अतुलनीय है। वह केवल आपका सच्चा, सबसे अच्छा दोस्त हो सकता है। व्यक्तिगत रूप से, मेरे जीवन में, यीशु के अलावा मेरा कोई मित्र नहीं है। इसलिए परमेश्वर आज तक मुझ पर कृपा कर रहा है। उसी तरह अब्राहम ने भी यत्न से परमेश्वर की खोज की। उसने ईमानदारी से प्रभु का अनुसरण किया। नहेम्याह 9:8 इस बात की गवाही देता है: ‘परमेश्वर ने अब्राहम के मन को अपने साम्हने विश्वासयोग्य पाया।’ यही कारण है कि अब्राहम को परमेश्वर ने बहुतायत से आशीष दी। नीतिवचन 12:22 कहता है, ‘‘जो विश्वास से काम करते हैं, उन से वह प्रसन्न होता है’’ और 2 थिस्सलुनीकियों 3:3 यह भी कहता है, ‘‘परन्तु प्रभु सच्चा है,वह तुम्हें दृढता से स्थिर करेगा, और उस दुष्ट से सुरक्षित रखेगा।’’
प्रिय स्वर्गीय पिता, आपके वचन के माध्यम से मुझसे बात करने के लिए धन्यवाद। हे प्रभु, मैं अब भी अपना जीवन आपके प्रेममय हाथों में सौंपती हू्ं। हे प्रभु, कृपया मेरी कमियों को क्षमा करें और मेरे जीवन से हर अधर्म को दूर करें। मेरे हृदय को अपनी उपस्थिति से भर दें। पूरे मन से आपको लगन से खोजने में मेरी मदद करें। वह मुझे आपके प्रति वफादार होने के लिए कहता है जैसा कि आप मेरे लिए हैं। हे प्रभु, कृपया मुझे आपके साथ एक मजबूत मित्रता बनाने और मेरे सभी तरीकों से आपको खुश करने में मदद करें। मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दें, प्रभु। मुझे आशीर्वाद दें जैसे आप ने अब्राहम को आशीर्वाद दिया, परमेश्वर। यीशु के नाम में, मैं प्रार्थना करती हूँ। आमीन!